मरीज- डाक्टर साब मेरा इलाज कर
दीजिए..
Dr.-अरे भाई तुम्हारे तो हाथ जख्मी हैं, पैर, कमर टूटी है और सिर भी फूट गया है…
तुम्हारा ये हाल कैसे हुआ…??
मरीज- चार मंजिल इमारत की छत पे
रखी थी 500 ईँटे, जो सब
नीचे लाना थीं,
ऐसे 5-10 करके लाता तो परेशान हो जाता।
तो मैने एक
उपाय सोचा।
छत पे एक ड्रम रखा था, ड्रम मेँ
मैंने 500 ईँटे भर दीं,
फिर ड्रम मेँ
रस्सा बाँधा और कुँदे में फँसाकर रस्सा मैंने नीचे
लटका दिया।
मैँने नीचे जाकर रस्सा पकड़ा, और खींचा
तो ड्रम
नीचे की ओर
लटक
गया |
अब ड्रम था 500 किलो का
और
हम थे 50 किलो के
सो ड्रम सरसरात नीचे आ गई और हम सरसरात
ऊपर
चले गए। तो हमारा सर फूट गया…
पर हमने रस्सा नहीं छोडा..
अब धडाम से ड्रम नीचे गिरी
तो उसका तल्ला खुल
गया
और
पूरी ईँटे बाहर निकल गई।
अब ड्रम बची 25 किलो की
और
हम थे 50 किलो के,
सो हम सरसरात नीचे आ गए और ड्रम सरसरात
ऊपर गई।
हम जैसई
नीचे गिरे ईटों के ढेर पे तो हमाई कमर टूट गई।
और हाथ छिल गए, जिससे
हमाए हाथ से रस्सा छूट गया।
अब रस्सा सरसरात ऊपर गया
और ड्रम
सरसरा के नीचे
आ गया
और हमाए पैरों पे गिरा
सो हमाए
पॉंव टूट गए।
डाक्टर साहब बेहोश।